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गुब्बारा फट गया
दारू के नशे में चूर 'आम आदमी' एवं कोंग्रेस पार्टी के नेता (भगवंत मान,डी. के.शिवकुमार) खुद को ही अपने पाँव पर नहीं संभाल पा रहे हैं तो वे प्रदेश को कैसे संभालेंगे, स्वाभाविक है कि ऐसे नेता कर्नाटक को बर्बाद ही करेंगे।
May 31st, 2023चलते चलाते : भारत की राजनीति
दुःख है!भारत के राजनीति
की विकृतियों भरी कहानी है।
सम्मान विहीन कोंग्रेसी हिन्दू
नेताओं में भरी बदजुबानी है।May 30th, 2023सम्पादकीय : ढूँढो ढूँढो छेद ढूँढो
'ढूँढो ढूँढो छेद ढूँढो',
नहीं मिले तो बना के ढूँढो,
लेकिन ढूँढो जरूर।May 30th, 2023बिलबिलाता बिलावल, नापाक पाकिस्तान और SCO-G20
विशेषज्ञों का मानना है कि PoK का एक बड़ा तबका कश्मीर से पुनः मिल जाना चाहता है जिससे मोदी के विकास मन्त्र से उन्हें भी लाभ मिल सके, नौकरी और रोटी मिल सके। यही कारण है कि बिलावल कुछ ज्यादा ही बिलबिला रहे हैं।
May 23rd, 2023पलायन छोड़ो, आत्मरक्षा में बन्दूक उठाओ
जो लोग १९९० या उसके बाद घाटी से पलायन किए वे आज तक देश के विभिन्न शहरों में अपने जड़ से अलग,विस्थापितों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।आज आवश्यकता है उनमें इक्षा-शक्ति लाने की जिससे वे सब एक होकर अधिकार पूर्वक वहीं रह सकें।
December 27th, 2022"मिर्ची" - The Burning State of Maharastra
दुनियाँ भर में लगभग चार सौ प्रकार के मिर्ची पाई जाती है। ज्यादातर लोग इसे भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग में लाते है।
January 5th, 2021सम्पादकीय : 'गुण्डे बचाओ' अभियान'
ममता, सोनियाँ, राहुल, ओवैसी, अखिलेश, नीतीश, खेजरिवाल ऐसे कुछ नेता पागलपन की स्थिति में पागलखाने जाने लायक हो गए हैं। लेकिन इनके पागलपन का इलाज करने के लिए किसी विशेष डॉक्टर की जरूरत है, जिसे ढूँढना नितांत आवश्यक है।
April 29th, 2023चलते चलाते : बुद्धू हिन्दू
हत्यारों का महिमा मंडन,
निर्दोषों के गले का खंडन।
हिन्दू उदार! पाले सारे जन,
दावत मौत को दे बुद्धू बन।April 29th, 2023"विष-वृक्षारोपण" - The Seeds of Evil
देखा तो नहीं परन्तु सुनने में आया है कि अफ्रीका के जंगलों में मांसाहारी तथा नरभक्षी वृक्ष भी पाये जाते हैं, भारत में इसके होने का कोई प्रमाण नहीं मिलता, परन्तु इस अभाव की पूर्ति सांकेतिक तौर पर कुछ नेताओं द्वारा की जा रही है।
January 5th, 2021जोशीमठ भू-धसान के मानवीय पहलू
जहाँ सरकार वर्त्तमान आपदा का यथोचित निवारण की कोशिश कर रहा है वहीं उसे पीड़ितों के मानवीय पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा।इसमें उनकी भौतिक मानसिक तथा बौद्धिक सहायता तथा उनके कारोबार व आजीविका की आवश्यकता भी है जिससे उनके परिवार बच्चों को कम से कम नुकसान उठाना पड़े।
February 1st, 2023कश्मीर में जिहाद व हिन्दू प्रताड़ना
समय आ गया है हिन्दू एकजुट और सतर्क हो जाएँ। एक भी हिन्दू को अपने स्थान से पलायन न करना पड़े इसके लिए सरकार के साथ साथ हमें भी जागरूक होना पडेगा।जिहादियों के खिलाफ लोहा लेना ही होगा। उनकी मिट्टी पलीद करने का वक्त आ गया है।
June 2nd, 2022कुछ क्षण वेद को
हिन्दूओं के जीवन शैली एवं वेदों में ऐसे अकाट्य तर्क हैं, जिसे समझे बिना प्रगतिशीलता की कल्पना एवं अंधाधुंध प्रद्योगिकी, विकास के नाम पर प्रकृति क्षरण को आगे बढ़ाना, मानवतावादी भावना के विरुद्ध जाना है, जहाँ यह आने वाली पीढ़ी के लिए तकलीफों का अम्बार लायेगी ।
March 31st, 2023मंदिरों परिसरों में जानलेवा हादसे
मोदी राज में जहाँ मंदिर परिसरों की बड़े पैमाने पर सौंदर्यीकरण हो रहा है, कुछ जगहों में हादसों के द्वारा मृत्यु अवांछित हैं।अगर काशी विश्वनाथ, महाकालऔर बौद्ध ‘तीर्थ कॉरिडोर’ बन रहे हैं तो ऐसे मंदिरों का भी जीर्णोद्धार और परिवर्तन या सुधार आवश्यक है जहाँ हादसे से भक्तों व आगंतुकों की मौत हो जाती है।
March 31st, 2023राहुल गांधी, कांग्रेस की 'पप्पूपंथी' और विपक्षी एकता
बर्खास्त हुए राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस के तरह तरह के नाटक को, चाहे वह प्रजातंत्र पर आघात दिखाने का प्रयास हो, सत्याग्रह हो या काला दिवस; सब देश और जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।अब विपक्ष कांग्रेस के प्रबल दावेदार के चुनावी मैदान से लुप्त हो जानें के बाद अपनी अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेंकनें जुट गयी है।
March 26th, 2023सम्पादकीय : लोक कथाओं के गुप्त तथ्य
पौराणिक लघु कथाएँ बहुत हैं परन्तु आजकल के संदर्भ में उनमें छिपे अनेकों तथ्य आज भी समझने योग्य, जीवन्त, प्रायोगिक और विचारणीय हैं।
February 27th, 2023पतति पतितः पतन्ति : कांग्रेस
भ्रष्टाचारियों, विदेशियों के हाथों बिके हुए नेताओं, देशद्रोहियों को मोदीजी से वैर होना स्वाभाविक है परन्तु प्रत्येक सनातनियों एवं देशभक्तों को मोदीजी का साथ देना देशहित में तथा स्वाभिमान सहित जिंदा रहने के लिए नितान्त आवश्यक है।क्यों कि कोंग्रेस, आप पार्टी, टी.एम.सी.तथा अन्य वामपंथी नेताओं के लिए इतना ही शब्द काफी है कि वे पतति पतितः पतन्ति के पथगामी हैं।
February 27th, 2023नेताओं का बखेड़ा
बखेड़ा खड़ा करने वाले नेताओं को थोड़ी पढ़ाई लिखाई एवं शिक्षा की आवश्यता है।परन्तु क्या किया जाए? हम जनता ही ऐसे गँवारों को वोट दे कर सत्ता में लाते है, जिससे देश एवं स्वयँ का अहित होता है।
February 27th, 2023चलते चलाते : भीम-मीम
भीम-मीम! के नारे वाले,
खोल!अक्ल के भी ताले।
नहीं हिमालय की चोटी से
छद्मबेष में दूषित-मति से।March 31st, 2023सम्पादकीय : नमूने भ्रष्टाचारी एवं उनके नौनिहाल
साधारण जनता को देश के भष्टाचारियों एवं उनके भ्रष्ट एवं नमूने नौनिहालों से बच कर रहना चाहिए। देश के सच्चे देशभक्त एवं कर्मठ नौनिहालों को बचाने के लिए विदेशी ताकतों के नुमाइंदों,छद्मबेषी नेताओं,उनके द्वारा दी गयी मुफ्त की रेवड़ियों, मूंगफलियों से बच कर नेता चुनने के मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
March 31st, 2023चलते चलाते : जोशीमठ
जोशी मठ के उत्तुंग शिखर,
मनोहारी सुंदरता से परिपूर्ण।February 27th, 2023हिन्दू-राष्ट्र, संविधान और बाबा बागेश्वर
देश के समस्त हिन्दू देश में जनमत बनाएँ और मोदी सरकार को वाध्य करें कि वे अगले चुनाव में भारत को एक 'हिन्दू राष्ट्र ' बनाने का संकल्प लें। अब देश के बहुसंख्यकों की और अवहेलना नहीं की जा सकती है। यहाँ ऐसे लोगों को भी नागरिकता में प्राथमिकता दी जाए जिसके लिए कोई भी धर्म राष्ट्र नहीं है (जैसे पारसी)। हाँ ! यहाँ के अल्पसंख्यकों को वो सारे अधिकार अवश्य देने चाहिए जो उनके धर्म राष्ट्र देशों (जैसे इस्लामिक या ईसाई देशों) में हिन्दुओं को दी जाती है।
February 15th, 2023असहिष्णु अल्लाह की तुलना सनातनी ॐकार से क्यों ?
यह कैसा अल्लाह है जो इस्लाम को न मानने वालों को जान से मारने की धमकी देकर अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश करता है ? ऐसा करने या सोचने वाला परमेश्वर नहीं हो सकता। भारत जैसे किसी भी वहुधर्मी देश में कुरान की ऐसी आयातें संशोधित की जाए या उसपर प्रतिवंध लगे।
February 12th, 2023चलते चलाते : देखे पठान
इसे बहादुर या हीरो कह,
करो न वीरों का अपमान,
अफगानों में बहुत पठान,
भागे त्याग आत्मसम्मान।।January 31st, 2023सम्पादकीय : जोड़ो-तोड़ो और मरोड़ो
आज एक ज्वलंत प्रश्न हमारे सम्मुख है कि वैदिक सनातन विरोधी गतिविधियों के प्रति अनभिज्ञता, एकजुटता के अभाव में क्या हिन्दू अपनी संस्कृति, सभ्यता एवं आनुवंशिकी की रक्षा कर पाएंगे ?
December 30th, 2022चलते - चलाते : नया साल
खुशियों से हो ओत-प्रोत, हर जीव-जंतु संतुष्ट दिखे,
नया साल हो तभी सार्थक,संसार सुरक्षित जभी दिखे।December 30th, 2022"ग्रहदशा” : मोदी सरकार वनाम राहु-केतु - Modi's Adversaries
The odds against Modi Govt
January 5th, 2021“भारत जोड़ो”: कितना मिथ्या कितना सत्य ?: भाग-२
कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू किया गया "भारत जोड़ो यात्रा" किसी भी प्रकार भारत जोड़ो नहीं वल्कि 'राहुल गांधी व कांग्रेस बचाओ' जैसा प्रतीत होता है।
December 7th, 2022यह कैसा ‘शौर्य-दिवस’? एक व्यंग ?
भारत को एक ऐसा हिन्दू राष्ट्र बनाना आवश्यक है जहाँ भारतीय धर्मों (हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख ) को वे सारे अधिकार हों जो इस्लामिक देशों में मुसलामानों को और ईसाई देशों में ईसाईयों को प्राप्त हैं।हाँ।यहाँ रह रहे अन्य धर्मावलम्बियों की अवहेलना न हो इसके लिए उन्हें वही हक़ मिले जो उन इस्लामी या ईसाई देशों में में हिन्दुओं को मिले हैं। जिस भी दिन ऐसा हो सकेगा वह सही में एक शौर्य दिवस होगा अन्यथा नहीं।
December 4th, 2022चलते चलाते : 'मच्छु नदी' का पुल
ये साजिश था या इत्तफाक,
निर्णय कर पाना मुश्किल है,
क्योंकि शैतानी हरकत से,
कुछ लोफर वहाँ कार्यरत थे।October 30th, 2022चलते चलाते : हिन्दू लड़की
गाँधी - नेहरू की चालों में
फँसा हुआ है बेबस हिन्दू ।
सोचो कैसे विश्वपटल पर,
मृतक समाज बना है हिन्दू।November 29th, 2022सम्पादकीय : सिंहावलोकन
प्रतिमत पत्रिका की तीसरी वर्षगाँठ पर लेखन के तथ्यों का सिंहावलोकन करना स्वाभाविक एवं सामान्य सी बात है।यद्यपि विभिन्न विषयों पर पक्ष-विपक्ष की चर्चा के बावजूद पत्रिका अपनी कुछ कमियों के साथ भी प्रसारित होती रही है।
November 30th, 2022मैं हिन्दू हूँ लेकिन हिन्दू-धर्म से अनभिज्ञ
सुसंस्कृत, समृद्ध, जिज्ञासु-जिजीविषा युक्त, उदारता पूर्ण, पवित्र, आभिजात्य जीवन शैली ही कमोवेश हिन्दू धर्म है या कुछ और यह मैं नहीं जानता। अधिकाँश हिन्दुओं का जीवन यापन तो इन्हीं क्रिया -कलापों में व्यतीत हो समाप्त हो जाता है।
November 20th, 2022लालू कुनबा और बिहार का दुर्भाग्य
बिहार और वहाँ के जनता की बदकिस्मती रही है कि लालू के राजनैतिक धरातल पर आने से पहले ही वहाँ की शासन व्यवस्था चरमराने लगीं थी। जयप्रकाश आंदोलन तो बिहार से शुरू हुआ लेकिन इसका अच्छा परिणाम मिलने के वजाय बिहार को लालू जैसा एक ऐसा भ्रष्ट और जातिगत व धर्मान्धता की राजनीति करने वाला व्यक्ति मिला जिसका दुष्परिणाम आजतक बिहार झेल रहा है।
August 24th, 2022चाचा नेहरू ज़िंदाबाद !
हमारे नेहरू जी भारत के अनमोल रत्नों में से हैं जिन्होंने भारत माता के अनेकों सपूतों की तरह वह कुछ किया जो करने चाहिए थे। यह बात और है कि उन्होंने बहुत कुछ ऐसा भी किया जो नहीं करने चाहिए थे।
November 13th, 2021'चल चक्रम'
आज अगर कुछ ब्राह्मण एवं हिन्दू इन प्रताड़ित धर्मपरिवर्तन करने वाले मजबूरों को जगाने और उन्हें घर वापसी कराने के लिए प्रयत्नशील हैं तो कहीं मिशनरी गुण्डे तो कहीं मुल्ले इस कार्य में संलग्न हिन्दुओं को मार रहे हैं, जिसे वहाँ के स्थानीय देश-विरोधी तथा हिन्दू-विरोधी नेताओं का सहयोग मिल रहा है।
October 30th, 2022त्यौहार और पलटूराम-घोटालूवाल
फिल्मों के अभिनेता तो सिर्फ पर्दे पर अभिनय करते हैं परन्तु खेजरीवाल वास्तविक जीवन में उन सभी प्रसिद्ध अभिनेताओं से भी श्रेष्ठ अभिनय करते हैं। ऐसे राजनितिज्ञों के लिये हिन्दू त्यौहार भी राजनीतिक वोट भुनाने का मुद्दा है, जिसके लिए घोटालूवाल रंगबदलूवाल भी बन जाते हैं।
October 30th, 2022सम्पादकीय : लोकप्रियता, विकास एवं तड़प
गद्दारों को मोदीजी से खफा होना स्वाभाविक ही है परन्तु देशहितैषियों, देशभक्तों एवं आम गरीबों के लिए तो मोदीजी निः संदेह उनके हृदय के राजराजेश्वर ही हैं। अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर जिन्होंने सबका विकास, सबका साथ,सबका विश्वास,सबका सहयोग का मंत्र ले निरंतर गतिशीलता को आत्मसात किया है।
October 30th, 2022Comedian heads of Govts - मसखरों के कमाल
Comedian heads of States are seldom serious politicians who could be entrusted with the responsibilities to meet the aspirations of their people.
October 15th, 2022सम्पादकीय : तर्पण
विभिन्न बुजुर्ग नेताओं को तिलांजलि देते हुए भारतभूमि से कोंग्रेस की मुक्ति की प्रार्थना कर, पूर्वजों के आशीर्वाद का पुण्य अर्जित कर, त्रस्त भारतीयों को भी त्राण प्रदान करेंगे।
इस पुण्य कार्य में सताये गए सभी सनातनियों का आशीर्वाद भी उनके साथ बना रहे, ऐसी उम्मीद है। एवमस्तु।September 29th, 2022चलते-चलाते : दुष्ट नेता खेलते
पुरूष मानसिकता की विकृतियाँ,
काले पर्दे के अंदर की आकृतियाँ,September 29th, 2022आज के रक्तबीजों का वध कैसे हो ?
राक्षसी धर्म को मानने वाला एक रक्तबीज विश्व के सम्मुख है जिसका वध अत्यावश्यक है। उनका मानना है दूसरे धर्मों को नष्ट करो और विश्व में राक्षसी धर्म फैलाओ। साल २०१४ में एक इराकी राक्षस अल बग़दादी ने विश्व खलीफत की घोषणा की और विश्व के लगभग सारे राक्षस एक जुट हो गए। एक धर्म युद्ध आरम्भ हुआ है जिसमें माँ दुर्गा की शक्ति की आवश्यकता आ पडी है।
October 14th, 2021हिन्दुओं में धर्म-गुरु और नेतृत्व का अभाव
हिन्दुओं की समस्या है हमारे आध्यात्मिक ज्ञान का ह्रास।बचपन से ही हिन्दुओं को मानवता और शांतिप्रियता का पाठ, संक्षिप्त में ही सही,पढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए यह आवश्यक है कि गीता, वेद, पुराण तथा उपनिषदों का सार हर हिन्दू विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए । यह विश्व वन्धुत्व के लिए अत्यावश्यक है। आज हमें ऐसे सनातनी या हिन्दू धर्म गुरुओं की आवश्यकता जो हिन्दू धर्म में आई उन विकृतियों और विषमताओं को दूर कर सके।
September 17th, 2022भारत एक ‘हिन्दू-राष्ट्र’ हो
अब समय आ गया है कि हिन्दू, बौद्ध, जैन तथा सिख एक जुट हो जाएँ और “हिन्दू या भारतीय धर्म राष्ट्र” के लिए संघर्षरत हों जिसमें भारतीय धर्मावलम्बियों का वर्चस्व हो तथा अन्य लोगों का अहित भी न हो।
February 6th, 2022भागते भूत की लंगोटी: आजतक का अद्भुत ‘दंगल और हल्लाबोल’
अगर आपनें लोमड़ी को नजदीक से देखा या सुना नहीं है तो 'आजतक' टीवी चैनल पर दो कार्यक्रम अवश्य देखें : चित्रा त्रिपाठी का 'दंगल' और अंजना कश्यप का 'हल्लाबोल'।
September 16th, 2022“भारत जोड़ो”: कितना मिथ्या कितना सत्य ?
‘भारत जोड़ो’ भारत के लिए नहीं अपितु कांग्रेस को टूटने से बचाने तथा राहुल गांधी के वर्चस्व को पुनर्स्थापित करने का एक प्रयत्न लगता है। इसके बहाने कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती साम्प्रदायिकता और कथित रूप से सरकार द्वारा संस्थाओं का दुरूपयोग का मुद्दा उठाकर सिर्फ मोदी सरकार पर उंगली उठाने तथा एक सुनियोजित रूप से झूठ व दुष्प्रचार फैलाने का प्रयत्न लगता है । इन सबों के अलावे कांग्रेस की हरकतें यही बताती है कि वे घृणा की राजनीति कर रही है।
September 4th, 2022भागते भूत की लंगोटी - हमारे AAP-के कलाकार
गांधीजी कहते थे ‘सदा सच बोलो’ और हमारे केजरीवाल और इनके दल के नेता ‘हर झूठ इतनीं सहजता से बोल लेते हैं कि गांधी जी की आत्मा को भी शर्म आती होगी लेकिन इन्हें नहीं’। झूठी बातें, झूठी कसमें, झूठे वादे… चाहे वह स्वयं के लिए हो या अपनी दिल्ली सरकार के लिए, इनके सफलता की कुंजी है।
August 30th, 2022सम्पादकीय: निशाने पर हिन्दू
धर्म नीति पर चलने वाले ,हिन्दू तेरी कैसी किस्मत?
भारत में यमराज जिहादी, हिंसा ही है जिसकी फितरत।August 30th, 2022राक्षसों का रोजगार
प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के प्रति सरकार कितनी सक्षम है यह तो समय ही बताएगा; परन्तु निरपराधों, असहायों बेबसों की सुरक्षा तभी सम्भव है जब कोई दृढ़ निश्चयी राम की ही तरह सोचें कि ...'करिष्यामि न संदेहो नोत्सहन्तुमीदृशां।
August 30th, 2022विपक्ष परेशान, जनता हैरान
देश को बर्बाद करने की सुलगती चाहतों को जहाँ ' आप' की पार्टी घी और हवा दे रही है वहीं कोंग्रेसी नेताओं में ऐसे धूर्त राक्षस भी हैं जो कोरोना की तरह ही बहुतेरे वैरिएंट पैदा करने में तल्लीनता से लगे हुए हैं।
August 31st, 2022नितीश ने ली पलटी मार, फिर से आया जंगलराज।
नीतीश जी की यह पलटी मार उनकी साख को बहुत चोट पहुँचाने वाली है । लालू और तेजस्वी दोनों ही इस बात से वाकिफ हैं कि किस तरह कमजोर और निस्तेज नितीश बाबू की पूँछ मरोड़ी जाए, उसे बखूब पता है। अगर चतुर लालू-तेजस्वी ने उन्हें दूध की मक्खी की तरह निकाल बाहर फेंका तो बीजेपी इस धोखेबाज नितीश को बचाने नहीं आएगी। नए मंत्रीमंडल में अपराधियों की बहुतायत बताती है कि जंगलराज का आना तय है । क़ानून मंत्री ही अपराधी है।
August 8th, 2022चलते चलाते : मुश्किल में हिंदू
मुश्किल में है देश का हिन्दू ,आफत चारों ओर खड़ी है,
इस्लाम और ईसाई दोनों , हिन्दुओं को खाने में लगी है।August 31st, 2022विभाजन विभीषिका और राजनीति
विभाजन विभीषिका से सबक लेना अत्यावश्यक है।यह हमें बताता है कि जब मुसलमानो की प्रतिशत संख्यां बढ़ जाए तो वे अपना सरिया क़ानून थोपना चाहेंगे और हिन्दुओं के हितैषी हो ही नहीं सकते। मुस्लिम परस्त नेता इस सत्य से आँखें चुरा रहे हैं और इससे का परिणाम है कि मुसलमान कैंसर की तरह भारत के जमीन पर पसरते जा रहे हैं।इनका एक ध्येय है ‘जनसंख्याँ बढ़ाओ इस्लाम लाओ’।
August 12th, 2022विभाजन विभीषिका और भारतीय धर्म
गांधी और नेहरू ने पाकिस्तान में रह रहे भारतीय धर्मावलम्बियों की सुरक्षा के लिए कुछ ख़ास नहीं किया। परिणाम यह हुआ कि वे पाकिस्तान में असुरक्षित महसूस करने लगे और समय समय पर अपनी अस्मिता बचाने के लिए भागते रहे। वे पाकिस्तान में असहाय थे। भारत सरकार ने कभी भी कुछ ऐसा नहीं किया या होने दिया जिससे पाकिस्तान को यह महसूस कराया जा सकता कि अगर वहाँ हिन्दू और सिख सुरक्षित नहीं रह सकते तो यहाँ के मुसलमान भी असुरक्षित हो सकते हैं । इसी का परिणाम है कि भारतीय धर्म मूल के लोग हर मुस्लिम देश में असुरक्षित हैं। दूसरे देशों की बात तो छोड़िए, ये अपने ही देश में मुसलमान बाहुल क्षेत्र में असुरक्षित महसूस करने लगे हैं और पलायन को मजबूर हो जाते हैं।
August 13th, 2021चलते चलाते : घोटाला और दुराग्रह
Corruptions of Congress in open!
July 31st, 2022बिहार के गड़ेरिये, भेड़ एवं लकड़बग्घे
बिहार में हिन्दुओं के लिए नेता गड़ेरिये तथा मुस्लिम भेड़िये-लकड़बग्घे की तरह हैं जो निरन्तर इन्हें बेचारगी एवँ मौत की ओर धकेलते हुए सशक्त होते जा रहे हैं। भगवान ही इन निहत्थे एवं पलायनवादी प्रवृति के हिन्दुओं की रक्षा करें, सरकार तो सिर्फ स्वार्थ साधने में लगी हुई है।
July 31st, 2022अंतरात्मा की आवाज़
अपने अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करें।
July 31st, 2022विरोध प्रदर्शन का पेशा
कुछ लोगों ने धरना प्रदर्शन को एक पेशा बना लिया है I
July 31st, 2022सम्पादकीय : 'हर हर महादेव'
काँवड़ यात्रा का हिन्दू विरोधियों द्वारा विरोध निंदनीय है।
July 31st, 2022आह तो लगनी ही थी
" यदा-यदा ही धर्मस्य, ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य, तदात्मानं सृजाम्यहम।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम। धर्मसंस्थापनार्थय संभवामि युगे युगे।।
याद रहे… हर अधर्म और अधर्मियों का विनाश निश्चित है।
June 29th, 2022इस्लाम की हैवानियत
विश्व समुदाय याद रखें कल उनकी भी बारी आएगी। आने वाले सालों और दशकों में इस्लाम की हैवानियत से कोई भी देश, प्रांत या समुदाय अछूता नहीं रह पाएगा। काफी दिनों से कुछ आवाजें उठ तो रहीं हैं लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।वक्त आ गया है विश्व समुदाय संगठित होकर इन आतताइयों का सफाया करे चाहे उसके लिए जो भी कीमत उठाना पड़े I
June 28th, 2022अफवाह फैलाने वालों पर कड़े कार्यवाही हो
आज का अफवाह फैलाने वाला आप AAP पार्टी का संजय सिंह हो, दिल्ली में कोविद के समय का भ्रम फैलाने वाला राघव चड्ढा, कश्मीर पर भ्रम फैलाने वाला राहुल गांधी हो या CAA-NRC पर भ्रम फैलाने वाली सोनियाँ और प्रियंका।इन सभी नेताओं के खिलाफ तो कड़ी से कड़ी कारवाही होनी चाहिए क्योंकि ये सार्वजनिक जीवन में हैं और जनसेवा की बीड़ा उठा रखी है।
July 19th, 2022मोदी जी ! मुफ़्ती-अब्दुल्ला की मुराद जानें और मानें (भाग-२)
Farooq Abdulla asked the Indian govt to re-instate article 370 else he would love to be ruled by the Chinese. Kashmiri ex-leaders possibly prefer the way China is treating its Uyghur Muslims. The time has come when Indian govt may consider the Chinese model of handling Muslims.
January 1st, 2021भारत में बढ़ती मुस्लिम आवादी: एक खतरा
पिछले लगभग दो सालों से गृह मंत्री अमितशाह शायद किसी उलझन में हैं कि उन्हें मुसलामानों की जनसंख्याँ वृद्धि, भारत का बदलता धार्मिक स्वरुप (religious demography), जिहाद का बढ़ता खतरा और हिन्दुओं में असुरक्षा की भावना नहीं दीख रहा। उनके लिए तीन कार्य अत्यावश्यक हैं। एक तो ‘समान आचार संहिता’, दूसरे ‘जनसंख्याँ नियामक क़ानून’ और तीसरे सबसे महत्वपूर्ण, भारत को एक ‘हिन्दू (या भारतीय धर्म ) राष्ट्र’ घोषित करना।
July 11th, 2022चलते चलाते : चुनाव का चमत्कार
January 30th, 2022चलते - चलाते : उथल-पुथल
शवसेना के साथ अघाड़ी,
मातो श्री ने कुनबा जोड़ा,
किया प्रशिक्षित लूट-पाट में,
गुंडागर्दी, आगजनी में।June 30th, 2022सम्पादकीय: आये दिन हत्याएँ, फिर भी इस्लाम शांतिपूर्ण !
बर्बर,घृणित पाप से परिपूर्ण राक्षसी संस्कृति का विश्वस्तर पर तिरस्कार कर, पापियों को कटघरे में खड़ा कर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान क्यों नहीं किया जाए ताकि इंसानियत सुरक्षित रह सके।
June 29th, 2022समस्या नूपुर की या सभी की?
What Nupur Sharma spoke was truth mentioned in Islamic books and there was no justification in castigating her.
June 30th, 2022इस्लाम और राक्षसी प्रवृत्ति
मुसलमान मुहम्मद को पैगम्बर मानते होंगे लेकिन आज के विश्व समुदाय की दृष्टि में उनके द्वारा किए गए अरब जनजातियों का नरसंहार, उनकी महिलाओं का उत्पीड़न तथा उनके मंदिरों और मूर्तियों का तोड़-फोड़ किसी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता। फिर आंशिक रूप से ध्वस्त किए अन्य धर्मों के मंदिरों को जिस तरह अपना मस्जिद बनाया यह तो अत्यंत घृणित था। राक्षसों की ऐसी ही कई कृतियों का वर्णन रामायण और अन्य ग्रंथों में भी मिलता है। भारत के सनातनियों ने शान्ति का राग बहुत अलाप लिया ,अब आवश्यकता है राक्षसी प्रवृत्तियों का ह्रास के लिए प्रयत्नशील होने की और शस्त्र उठाने की।
June 5th, 2022विपक्षी राज्य सरकारें निकम्मी हैं; मोदी सबको रोजगार दे
इसमें कोई दो राय नहीं कि राज्य सरकारों को भी बेरोजगारी बढ़ने का जिम्मेदारी तो लेना ही चाहिए। वे अपने अपने राज्यों में रोजगार सृजन में नाकामयाब रहे हैं। साल 2011 वनाम २०१९ का एक आंकड़ा तो यही दिखाता है कि मोदी सरकार के आने के बाद बेरोजगारी घटी थी लेकिन यह आँकड़ा कोरोना महामारी के पहले की है।
February 9th, 2022बुर्का-हिज़ाब,घूँघट, बिकनी
भारत की स्त्रियों को सार्वजनिक स्थानों पर इन दोनों ही विदेशी आयातित परिधानों ( बिकनी एवं बुर्का-हिजाब) का विरोध कर अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। मौसम के अनुरूप सुरुचिपूर्ण सुंदर शालीन परिधान के साथ स्वतंत्र-अनुशाषित जीवन शैली तथा वैचारिक उदारवादी प्रगतिशीलता को मानवकल्याण के लिये अपनाना ही हमारी सभ्यता है।
February 27th, 2022पाप-शाप और राक्षस
दोष तो क्रोधी ऋषियों का भी बनता है जिनके श्रापों के कारण विभिन्न प्रकार के भयंकर-भयंकर राक्षस इस देव-भूमि आर्यावर्त में अबोध मनुष्यों साधु-संतों का नरसंहार करने तथा स्त्रियों की मान-मर्यादा का सर्वनाश करने के लिए पैदा होकर पसर गए हैं।
March 30th, 2022भागते भूत की लंगोटी : हनुमान चालीसा की शक्ति : महाराष्ट्र और बंगाल
बेचारे बालासाहेब ! आत्मा उन्हें कोसती होगी कि उन्होंने तो हिन्दुओं की रक्षा के लिए शिव-सेना का गठन किया था परन्तु उनके कुपुत्र ने उसे ‘भूत-सेना’ क्यों और कब बना दिया ?
June 21st, 2022"चीनी-चीनी' -The 1962 Chinese Aggression
“बिन चीनी सँसार में, नहीं मिठाई कोय, चीनी बढ़े जो रक्त में,मधुमेह ही होय।“
January 5th, 2021चीन का प्यार : The Chinese agression
Thina has betrayed India severl times. The Chinese have always been playing the betrayal game under the garb of friendship.
January 10th, 2021छोटे और मझौले भारतीय किसानों के खून चूसने वाले दलाल
बिचौलियों द्वारा किसानों के खून चूसने की समस्या धीरे धीरे इतनी भयावह हो गयी है कि समय समय पर सारे बुद्धिजीवी इसके खिलाफ बोलते रहे हैं। कुछ राजनैतिक दल भी इसकी खिलाफत करते रहे और आज जब मोदी सरकार ने किसानों को दलालों से मुक्ति के लिए एक विकल्प दिया है तो किसानों के खून पर पल रहे सभी परजीवी इकट्ठे हो एक स्वर में बोल रहे हैं "किसानों का खून बहुत मीठा है यह स्वाद उनके मुँह से न छीना जाए" । वाह रे किसानों के खून चूस रहे दलाल और उनका साथ दे रहे परजीवी, चाहे वह योगेंद्र यादव, केजरीवाल, राहुल गांधी प्रियंका वाड्रा या और कोई भी हो। उन सबों का आंदोलन अति निंदनीय है।
February 20th, 2021वैचारिक उत्पाद में गिरावट
अधीर रंजन की बातें और बोलने का अंदाज मनोरंजन की दुनियाँ में नवीन उन्माद पैदा करती है जैसे उनको देसी ठर्रा पिला कर किसी ने उन्हें लट्टू नागफनी के पौधों पर बिठा दिया हो,जिसके कारण वो अपने आसान पर स्थिर हो बैठ नहीं पाते हैं। ममताबाई का “कक्का-छि-छि,कक्का छि-छितथा अब्बा-अब्बा, तब्बा-तब्बा, टब्बा-टब्बा” सुन कर ऐसा लगता है कि उन्हें राजनीति से ज्यादा मनोचिकित्सक की आवश्यकता है।
March 1st, 2021एक कुबड़ा चिंतन
बेबसी तो मध्यवर्गीय सभ्य हिन्दुओं, सभ्य मुस्लिमों, सभ्य ईसाइयों या किसी भी सम्प्रदाय के सभ्य एवं ईमानदारी से कर देने वाले लोगों के लिये है जो गधों की तरह जाने कितने गुण्डे, नेताओं, देशद्रोहियों, हत्यारों, जेल के कैदियों के आर्थिक खर्चों का बोझ ढोते हुए कुबड़े होते जा रहे हैं। ये कुबड़ापन कब सम्पूर्ण हिन्दुओं के साथ-साथ अन्य अच्छे धार्मिक, अच्छे रिलिजियस, अच्छे मज़हबी सम्प्रदाय के लोगों को भी रोगी बना, उन्हें गलत रास्तों या मौत के मुँह में पहुँचा देगा… पता नहीं!
March 1st, 2021सम्पादकीय : "होई है सोई जो राम रचि राखा"
Islamic jihadi tradition compares to some extent with the mythological Demonic culture and traditions.
June 8th, 2021थेथ्थर
Making of a non-responsive or arrgant person takes its root at the childgood.
May 29th, 2021सोचो समझो जागो
India will have to rise above the caste politics
June 30th, 2021सम्पादकीय : "चित भी मेरी,पट भी मेरी"
Both sides of the coin are mine. I must not lose.
April 29th, 2021भारत में युवा बेरोजगार क्यों ?
प्यारे देशवासियो ! जब कोई महा लोभी नेता या राजनितिक दल सत्ता के गलियारे से बाहर निकाल दिया जाता है तो उसे जनता की हर दुर्दशा दीखनें लगती है चाहे कुछ बढ़ चढ़ कर ही क्यों न दिखे। लेकिन जिस दिन ये बरसाती नेता या दल सत्ता में आ जाती है वह सबकुछ भूल कर अपनी तिजौरी भरनें लगता है।
July 11th, 2021पिशाची किताब
जहिलता कि हदें पार कर खूंखार जानवर बने रहना , स्त्रियों और बच्चों को मानसिक रूप से गुलाम और खूंखार लक्कड़बग्घों या राक्षस-राक्षसी बनाना या स्वयँ भी सभ्य बन अपने परिवार को सभ्य और उदार इन्सान बनाना। ये यहाँ के उन मुसलमानों के लिए भी चिंतन का विषय है जो कई पीढ़ियों पूर्व इस्लामी बलात्कारियों ,अत्याचारियों के चंगुल में फँस कर अपना सभ्य उदार स्त्रियों को सम्मानित करने वाला सनातन वैदिक हिन्दू धर्म का त्याग कर जान बचाने के लिए इस्लाम को आत्मसात कर, कुरान के संदेशों को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया है।अपने सच्चे इंसानियत के संरक्षक पूर्वजों को भी याद कर उन्हें सम्मान देने की इजाजत मज़हबियों को नहीं है।जिसे वे सम्मान दे रहे हैं वे तो उनके पूर्वजों को कत्ल करने वाले, उनकी स्त्रियों को जबरन सेक्स-स्लेव बनाने वाले, बर्बरतापूर्ण अत्याचार कर उनसे इस्लाम कबूल वाने वाले रेगिस्तानी खानाबदोश दरिंदे थे।
August 19th, 2021एक संदेश : सावधान
अफगानिस्तान को अगर तालिबानीयों ने अपने अधिकार में लिया है तो दुनियाँ क्यों पागल हो रही? क्या किसी भी इस्लामिक देश को आपने अफ़ग़ानिस्तानियों के लिए परेशान देखा है? क्योंकि इनके लिये इस्लाम और तालिबान एक दूसरे के पूरक हैं और इसे सभी इस्लामिक देशों का समर्थन प्राप्त है।
August 28th, 2021सम्पादकीय : चुनावी हिन्दू
उत्तराखंड के लोगों को आप और कोंग्रेसियों की चालबाजियों से बच कर रहना आवश्यक है। जनता को सोच-समझ कर अपनी और देवभूमि की सुरक्षा के हित में ही वोट देना चाहिये अन्यथा देवभूमि को दैत्यों की भूमि बनाने में कोंग्रेस और आप पार्टी के लोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये देशविरोधी, अधर्मियों के साथ मिल हिन्दुओं को खत्म करने के लिए पूर्ण तन्मयता से सक्रिय हो जायेंगे।
August 28th, 2021भारत में हिन्दू असहाय क्यों ?
भारत सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द गहन विचारोपरांत एक संविधान संशोधन क़ानून लाए जिसके अनुसार भारत के मूल धर्मावलम्बियों की प्रतिशत जनसंख्याँ में गिरावट को तुरंत संज्ञान का विषय बनाया जाय और इसे रोकने के लिए हर कदम उठाए जाएँ । अगर ऐसा नहीं किया जा सकता तो फिर भारत को "भारतीय धर्म राष्ट्र" घोषित किया जाए और इसके लिए जो भी करना हो, जनआशीर्वाद से सरकार को करना चाहिए।
August 29th, 2021सम्पादकीय : संयोजित, चयनित, नियोजित आक्रमण
आज कल भारत के विभिन्न हिस्सों में जिस प्रकार के दंगे- आक्रमण हो रहे हैं वे इन्हीं लकड़बग्घों की युद्ध-नीति की तरह चयनित, संरेखित, संयोजित और सामूहिक रूप से मझहबियों द्वारा हिन्दुओं पर करवाये जा रहे हैं।
November 29th, 2021सम्पादकीय 'अमृत महोत्सव'
आजादी का अमृत महोत्सव तो भारत ही नहीं सारी दुनियाँ को मनाना चाहिए परन्तु पाप के पर्यायवाची मज़हबियों और ढोंगी धूर्तों के चंगुल से मुक्ति पाने के बाद जहाँ किसी को मजबूरी या आतंकी के द्वारा विवश किये जाने पर स्वयं का धर्म परिवर्तन न करना पड़े।
January 30th, 2022बिहार में अग्निपथ के नाम पर दंगा करने वाले कौन हैं ?
अग्निपथ योजना की सफलता के बारे में तीनों सेना प्रमुख आस्वस्त हैं।फिर कौन क्या कहता है इसका कोई मायनें नहीं। देश की प्रमुखविपक्षी पार्टियों के नेता युवाओं को भड़काने में लगे है। ऐसे में उचित यही है कि तीनों सेनाएँ अपने लिए गए फैसले पर अडिग आगे बढ़ें और आने वाले समय में इस योजना में जो भी थोड़ा बहुत बदलाव करना पड़े, करें। अभी सेना की आवश्यकताओं से सबसे ज्यादा भिज्ञ वही हैं। हमें उनपर विश्वास रखना ही चाहिए।
June 18th, 2022सम्पादकीय : एक कड़वा सच
प्रताड़ित होने के बाद ही किसी गणतांत्रिक देश या ग़ैरइस्लामियों को समझ आता है कि ये जिहादी मुस्लिम कौम इतने खतरनाक, बर्बर और गन्दे हैं कि पूरी दुनियाँ को बर्बाद कर रहे हैं।
April 30th, 2022अटपटे अनोखे सपने
अजीब बात है ! जो बातें जाग्रत अवस्था में असम्भव हैं वे स्वप्न में कितनी सहजता से सम्पन्न हो जाते हैं।
May 31st, 2022सम्पादकीय : 'गौ रक्षा'
गौ-पालन कुछ दशकों पहले तक सम्मान का विषय था, आज पश्चिमीकरण की मानसिकता ने गाय के स्थान पर कुत्तों को पालना एवं उस पर हजारों रुपये खर्च करना अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है।
December 31st, 2021नेताओं के वाकयुद्ध
बुरा ये ढूँढें जगत में, बुरा मिले न कोई।
मझहब देखो आपना,इससे बुरा न कोई।
December 31st, 2021तीन गांधी, तीन हत्याएँ, तीन प्रतिक्रियाएँ
एक महात्मा एवं दो छद्म गांधियों की कुछ सांप्रदायिक कारणों से तीन अलग अलग व्यक्तियों द्वारा हत्याएँ की गयी हैं। जहाँ महात्मा के हत्यारे गोडसे से किसी भी तरह की वैचारिक सहानुभूति व्यक्त करने वालों से ज्यादातर लोग हीन भाव तथा धृणा की दृष्टि रखते हैं वहीं इंदिरा गांधी के हत्यारों को सिख पंथ द्वारा शहीदों की गिनती में रखा जाता है और कोई भी सिख पंथ के खिलाफ नहीं बोलता। उधर राजीव गांधी जी के हत्यारों तथा तमिल ईसाई गुटों को कोई जिम्मेदार नहीं ठहराता।
January 30th, 2022जय श्रीराम तथा हनुमान चालीसा से कष्ट क्यों?
हाल में महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा के पाठ के खिलाफ लिये गए कार्यवाही ने बता दिया है कि भूत-पिशाच जैसे नेताओं को हनुमान चालीसा के पाठ से तिलमिलाहट होती है ठीक उसी तरह जैसे बंगाल की डाकिन को रामचंद्र जी नामोच्चारण से होती है।
April 30th, 2022चलते-चलाते : "बोलता सन्नाटा"
यूँ तो छत पर सौम्य सन्नाटा है,
इमारतें दोपहर में निःशब्द हैं।
May 31st, 2022सम्पादकीय : बाबा बैद्यनाथ
प्रत्येक धर्म-स्थलों को स्वच्छता एवं आवास सुविधाओं के साथ विकसित करना, पर्यटकों को बढ़ावा देना तथा मलेच्छों से मुक्त करना साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी जरूरी है।
May 31st, 2022चलते चलाते : ये युद्ध
जीवन कितना क्षणभंगुर है,
यूक्रेन-रूस है बता रहा,
जो कल तक यहाँ चहकते थे,
है आज शहर निर्जीव बना।March 31st, 2022चलते - चलाते : बैठो अकेले, आ जाना।
माँ हूँ मैं तुम्हारी,आ जाना ममता भरी मेरी ही गोद में,
सीता की भाँति,शांतचित,सम्मान सहित स्वाभिमान से।April 30th, 2022बिहार कहाँ था, कहाँ है और कहाँ जा रहा है ?
बिहार पुनः विकास के पथ पर अग्रसर है लेकिन गति बहुत ही मंद है।बिहार को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए एक जागरूक, प्रगतिशील, कर्मठ और साफ़ छवि का पढ़ा लिखा युवा नेता चाहिए।नितीश जी ने बहुत शासन किया।अब उन्हें चाहिए कि सत्ता का बागडोर एक होनहार नेता के हाथ सौंप बिहार की राजनीति के भीष्म पितामह बनें।बिहार को कृषि, सेवा, इंडस्ट्री और शिक्षा में तेज गति से आगे बढ़ाना है और साथ ही भ्रष्टाचार और जंगलराज की प्रवृत्तियों पर कुठाराघात ।यह तभी संभव है जब सत्ता एक प्रगतिशील युवा के हाथ में हो।बिहार को भविष्य में भी भ्रष्ट, आततायी राजनैतिक मगरमच्छों से सावधान रहना होगा।
November 9th, 2021हिज़ाब के फायदे
अनेकों आपराधिक कार्य, पुलिस की नजरें बचा कर,बुर्के ही आड़ में पहचान छुपा कर, किये जाते हैं। सतर्कता से देखें तो पायेंगे कि बुर्का नसीन अपराधी पुलिस को आसानी से गुमराह करते हैं जिस पर पाबंदी आवश्यक है। जाने कितने आतंकी, नशे एवं स्वर्ण-तस्कर अवैध सामग्री, हथियारों तथा बॉम्ब के तस्करी करते हुए बुर्का-पहनावे में पकड़े गए हैं। हाल ही में श्रीनगर में बुर्के में छुपा लाये गए बॉम्ब को सीमा-सुरक्षा बल के जवानों पर फेंकते हुए आतंकी गिरफ्तार किये गए हैं।
March 31st, 2022सायकिल पंचर किसने की ? मोदी, योगी या महायोगी ?
कहते हैं कि भगवान् की लाठी अदृश्य होती है। मार भी पड़ती है और दीखता भी नहीं। देखिए परमात्मा की माया।पलक झपकते ही राजा बनने का लोलुप वह मूढ़ अहंकारी रंक बन गया। उसकी उड़ती सायकिल पंचर हो गयी।अब वह जमीन पर गिरा पड़ा है। सब पूछते हैं कि सायकिल पंचर किसने की ? उस देश के प्रधानमंत्री मोदी ने ? उस प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने या पूरे विश्व के पालक महायोगी भगवान् श्रीकृष्ण ने ?
March 9th, 2022पंजाब तो गयो
किसानों के अधिकार की बात करने वाले, किसानों के साथ धरने पर बैठ कर मोदी को कोसने वाले खेजड़ीवाल, कपास के उचित मूल्यों की माँग के लिए धरना देने वाले किसानों को कितनी बेदर्दी से पुलिस से पिटवा रहे हैं। क्या धूर्तता से परिपूर्ण गिरगिटी चाल चलने वाला, साँप से भी ज्यादा विषैला "आप पार्टी" के मार्गदर्शक खेजड़ीवाल पंजबियों का कुछ भला करेंगे या अपने तोंद भरते जाएँगे? ऐसे रंगबदलू नेता तो जिहादियों एवं देश के दुश्मनों से भी ज्यादा खतरनाक हैं।
March 30th, 2022दमन
March 31st, 2022"भागते भूत की लंगोटी" : पप्पू की फिरौती और लुटेरी सरकार
पुलिस तंत्र का काम अब फिरौती वसूल करना था। उन्होंने तरह-तरह के षड्यंत्र रचे। किससे कितना वसूली करना था यह पुलिस के आला अधिकारी बताते थे। जिसने फिरौती नहीं दी तो उसे पहले धमकाया जाता था फिर क़त्ल। लेकिन वह री खोटी किस्मत।पप्पू की अघाड़ी का फिरौती सरकार का भी पर्दाफास हो गया।
March 27th, 2021आधा-अधूरा
इस्लामिक देशों के अल्पसंख्यक की प्रताड़ना के बारे में बोलने या लिखने की हिम्मत ये नपुंसक पत्रकार जुटा नहीं पाते हैं क्योंकि कि वहाँ के राक्षसों द्वारा चबा कर पचा लिये लिये जाएँगे जैसा कि कई विदेशी व्यवसायिकों के साथ पाकिस्तान एवं पाकिस्तानी मानसिकता वाले इस्लामिक देशों में हो चुका है। अन्ततः यही कहा जा सकता है कि आधी-अधूरी, झूठी,खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाले हिन्दूओं, हिंदुत्व, हिन्दूधर्म, हिंदुस्तान के खिलाफ लिखने-बोलने वाले पत्रकार तथा नामी-बदनाम हस्तियाँ भी आतंकवादियों की तरह ही खतरनाक हैं। देश और मानवता के हित के लिए, दोहरीकरण के नीतियों पर चलने वाले ये पत्रकार या मानवाधिकार वाले वास्तव में सामाजिक रूप से बहिष्कार किये जाने योग्य हैं, आतंकियों की तरह सजा पाने के भी हकदार हैं।
February 27th, 2022चलते-चलाते : वेद की भाषा बोलेंगे
The importance of Veda and Sanatan Dharm as peace-mantra.
February 27th, 2022सम्पादकीय : 'एक समस्या खत्म नहीं,कि दूजा हुआ शुरू'
दुनियाँ दो विश्व युद्धों के घातक परिणाम को झेलने के बाद भी सुधरने के लिये तैयार नहीं है। विभिन्न अवसरों पर भारत के विरुद्ध मतदान करने वाला यूक्रेन आज भारत से युद्ध रोकने तथा शान्ति लागू करने के लिये गुहार लगा रहा है। क्या दुनियाँ फिर से विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा होकर मानवता, विश्व कल्याण, ज्ञान-विज्ञान,कला-मनोरंजन, आत्मिक विकास आदि के लिये सोच सकता है? कदापि नहीं।
February 27th, 2022सम्पादकीय : 'एक समस्या खत्म नहीं,कि दूजा हुआ शुरू'
दुनियाँ दो विश्व युद्धों के घातक परिणाम को झेलने के बाद भी सुधरने के लिये तैयार नहीं है। विभिन्न अवसरों पर भारत के विरुद्ध मतदान करने वाला यूक्रेन आज भारत से युद्ध रोकने तथा शान्ति लागू करने के लिये गुहार लगा रहा है। क्या दुनियाँ फिर से विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा होकर मानवता, विश्व कल्याण, ज्ञान-विज्ञान,कला-मनोरंजन, आत्मिक विकास आदि के लिये सोच सकता है? कदापि नहीं।
February 27th, 2022उत्तर प्रदेश चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक
क्या ब्राह्मणों में एकता आएगी ? क्या ब्राह्मण अपने आपको एकजुट कर पाएंगे ? क्या पाँच उँगलियों जैसे अलग-अलग ब्राह्मण एक मुट्ठी बनकर शक्तिशाली बन पाएंगे ? क्या ब्राह्मण कमोवेश 'सामूहिक वोट' किसी एक पार्टी को डालेंगे ? अगर वे ऐसा करते हैं तो इससे ब्राह्मणों की शक्ति बढ़ेगी और भविष्य में कोई भी जाति विशेष उनका तिरस्काए करने से बचेगा।लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा ?
January 12th, 2022'जंतर-मंतर"
काश कोई ऐसा मंत्र भी होता जो ' जन्तर-मंतर' पर धरना देने वालेनेताओं के सिर से देशविरोधी कार्य करने की प्रेरणा देने वाले भूत-भूतनी का साया उतार देता और उन्हें देशहित में सोचने, कुछ करने की प्रेरणा दे पाता।
July 30th, 2021चलते-चलाते : "कहाँ से लाते हो"
A poem
July 31st, 2021हास्यास्पद हैं 'ये' या लतखोर ?
जिसके पति ने किसानों के करोड़ो की जमीन कौड़ियों के मोल खरीद कर फिर करोड़ो में बेची हो वह औरत किसानों के अधिकार और उनके जमीन की सुरक्षा की बातें बहुत ही जोर-शोर से करती है।
जिस औरत ने कौड़ियों के दाम वाली पेंटिंग करोड़ों में बेची हो वह भ्रष्टाचार हटाने की बातें उत्साह से करती है।....
November 29th, 2021चलते चलाते : “छत्र तले”
A political Poem
November 29th, 2021वाह री दिल्ली पुलिस ! साष्टांग प्रणाम !
Delhi police has amply demonstrated on the Indian Republic Day 2021 that it is weak, unprofessional and unable to control the UT's law and order situation. It permitted the desecretion of the Indian Tricolour at a secred place no other than the ramparts of the Red Fort. Delhi police administration and the Indian home minister's handling of the situation is highly deplorable that has ashamed the entire nation.
January 26th, 2021"दाग - धब्बे" - Characterless Politicians
वस्तुतः हम दाग और धब्बे सामान्यतया एक ही अर्थ वाले शब्द हैं, फिर भी हम इन दोनों शब्दों का कभी अलग-अलग तथा कभी युग्म शब्द के रूप को प्रयोग में लाते है। इनका प्रयोग सांकेतिक, रूपक, शैली, बिम्ब, प्रतिबिम्ब एवं प्रतीकों के लिए भी किया जाता है।
January 5th, 2021चलते-चलाते : चला खेजड़ी
August 28th, 2021घटियापन की अतिशयता
Some of the Congress & AAP leaders have been talking of very low of their political behaviours.
April 29th, 2021वैचारिक उत्पाद में गिरावट
Today's politicians are mostly morally bankrupt. They can droop to any extent for their personal & electoral gains.
April 29th, 2021क्या मोदी सरकार ने देश में बहुतों को मुफ्तखोर बना दिया है ?
गत वर्ष के शुरू में जहाँ देश में ८.५ करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे होने चाहिए थे वहाँ अभी ८० करोड़ लोग मुफ्त की राशन ले रहे हैं।ये ७१.५ करोड़ मुफ्तखोर कहाँ से आ धमके।लगता है मुफ्तखोरी अधिकाँश भारतीयों के डीएनए में ही है…फिर ये खैराती बाँटने वाले चाहे राहुल गांधी, केजरीवाल या मोदी सरकार ही क्यों न हो।
July 8th, 2021सम्पादकीय : "शान्त जल की लहरों के तले”
आवश्यक चेतनता, सुनियोजित कठोर निर्णय और कार्यवाही ही यहाँ इस देश एवँ देश के नागरिकों को सुरक्षित रख सकता है। भारत में यह शांत जल एक बड़े तूफ़ान के पहले का सूचक सा प्रतीत होता है।परमात्मा वैदिक संस्कृति की रक्षा करें।
March 30th, 2021सम्पादकीय : "आज के जरा और जरासंध"
The demonic characters in the present political system represent the very old phenomena of 'Jaraasandh".
June 30th, 2021चलते चलाते : 'बूझो तो जानूँ'
'बूझो तो जानूँ'
June 30th, 2021सम्पादकीय : 'बदलाव'
मोदीजी के आने के बाद भारतीय खिलाड़ियों को भी पहले की सरकारों की तुलना में बहुत ज्यादा सुविधाओं तथा पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का ही कारण है कि आज इतनी बड़ी संख्या में भारतीय खिलाड़ी टोकियो ओलिम्पिक में भाग ले पा रहे हैं। वामन्थियों को शायद मोदीजी द्वारा किये गए प्रत्येक अच्छे कार्य जो भारत एवं भारतीयों के हित हो, उससे तकलीफ होती है। बिलबिलाहट, चिड़चिड़ापन, देश-विरोधी बयानबाजी किसी न किसी प्रकार से बेशर्मी के साथ बेपर्द हो जाती है।
July 30th, 2021जरूरत है हाज़मौले की
The tainted political leadership need hajmola to digest their wrong-doings
September 29th, 2021चुनावी ऋतु की अगवानी
कई राज्यों में चुनाव का मौसम मॉनसून की तरह ही आने वाला है। वर्षाऋतु की प्रतीक्षा मनुष्यों के अलावे अन्य जीव-जंतुओं तथा पेड़ पौधों को भी होती है।मृतप्राय या ग्रीष्म की सख्त गर्मी की ताप से व्याकुल जीवनदायी ऋतु धरती के कण कण में नवजीवन का संचार करती है। शिकार और शिकारी जीवों की सक्रियता जीवनचक्र तथा प्रकृति के संतुलन को बनाये रखने के लिए वर्षा ऋतु अत्यंत आवश्यक होता है ।
September 29th, 2021चलते चलाते : ये बंदा
देखो!छक्के वाला बंदा,
खुद छक्का बन आया है।
गेंदबाज था कभी ये बंदा,
आज गेंद बन आया है।
September 29th, 2021सम्पादकीय : तस्कर के लश्कर
The article emphasises on how the drug cartel in India is trying to increase its clout.
October 30th, 2021त्यौहार और वामपंथी
हिंदुस्तान में प्रत्येक त्यौहार का विशेष पौराणिक महत्व है। यह सभी प्रकार के लोगों के बीच सामाजिक सौहार्द को बढ़ाता है।उदारवादी हिन्दू ईद, बकरीद, क्रिसमस, ईसाई नववर्ष भी ईसाई तथा मुस्लिम दोस्तों के साथ सभी मिल कर मानते हैं।
October 30th, 2021नशेड़ी इचना मछली
साजिश कितनी गहरी है?
अब चक्रव्यूह में प्रहरी है।October 30th, 2021सांसद और रंगीन मिजाज़
When parliamentarians intend to show romanticism within parliament, speculations become rife.
November 30th, 2021कोरोना कहाँ है?
ये तो भारत सरकार एवं स्वास्थ्य कर्मियों की महानता है कि ईंट-पत्थरों की मार खा कर, गालियाँ सुन कर भी दिन-रात कर्मयोगी बन इतने लोगों का टीकाकरण कर, इन्हें जीवन जीने का वरदान दिया है। जहिलता से भरे लापरवाह लोगों की भी जीवन रक्षा हेतु भारत के स्वास्थ्य कर्मियों की निःस्वार्थ सेवा की कितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही है।
December 31st, 2021चलते-चलाते : 'नव वर्ष'
A Peoe
December 31st, 2021